मौन का असली अर्थ क्या है!

आमतौर पर हम जिस अर्थ में ‘मौन’ शब्द का प्रयोग करते हैं, वह बहुत सतही होता है। हम केवल ना बोलने को मौन समझ लेते हैं, जबकि वास्तव में मौन तब होता है जब मन की खटपट मिट जाए और मन पूरी तरह शांत हो जाए। हमारे होंठ भी इसी कारण अधिक चलते हैं, क्योंकि मन अशांत होता है। जब तक मन अशांत है, तब तक आप मौन होकर भी मौन नहीं होते। और जब मन शांत हो जाता है, तब होंठ चलें या न चलें, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता।